प्राचीन समय में महिलाएं हींग को पानी के साथ मिलाकर गर्भनिरोधक के रूप में पीती थी वहीं कुछ इसे पाचन क्रिया को ठीक रखने के लिए इस्तेमाल करते थे। कुछ इलाकों में हींग के पेस्ट को छाती के उपर और नाक के पास लगाते हैं ताकि इसकी खूशबू शरीर में जाए और ये जुकाम को ठीक करे। यहां तक की ये अस्थमा की बीमारी को ठीक करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
आयुर्वेद में हींग का एक अहम स्थान है। ये पाचन और पेट में गैस से जुड़ी समस्या ठीक करने के लिए इस्तेमाल होता है। इसे पानी में इतना पकाया जाता है कि एक पेस्ट बन जाए जो बाद में पेट के उपर लगाया जाता है। इससे पेट और पाचन क्रिया के अंदर की समस्या ठीक होती है। आयुर्वेद के मुताबिक एक गिलास हल्के गुनगुने पानी में एक चुटकी हींग मिला कर रोज पीने से शरीर की कुछ समस्याएं हैं जो ठीक की जा सकती हैं।
हींग से महिलाओ को काफी लाभ पहुँचता है पीरियड्स में होने वाली समस्या को हींग के माध्यम से दूर किया जा सकता है. इसे गुनगुने पानी में डाल कर पीने से इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है.हींग कि सहयता से हड्डी और दांतो को मजूबत किया जा सकता है क्योकि हींग में एंटी इंफ्लेमेट्री पाया जाता है जो हड्डी को मजबूत बनता है और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का सबसे अच्छा तरीका हींग है.
इसे गर्म पानी में मिला कर पीने से ब्लड शुगर कंट्रोल हो जाती है. सांस और सुखी खासी को दूर करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है इसलिए हींग का उपयोग सिर्फ खाने के लिए ही नहीं बल्कि एक औषधि के रूप में किया जाता है.
हींग का पानी पाचन क्रिया और तुरंत ही एसिडिटी ठीक करता है।
इसे रोज पीने से हड्डियां भी मजबूत होती हैं।
इसमें एंटी बैक्टीरियल तत्व मौजूद होते हैं जो अस्थमा से शरीर को बचाते हैं।
ये खून में शूगर लेवल बरकरार रखता है और डायबिटीज से बचाता है।
जब हींग को पानी में पकाया जाता है तो उसमें ऐसी प्रक्रिया होती है जो इसके सेवन से शरीर में ब्लैडर और किडनी को बीमारियों से बचाती है और यूरीन इंफेक्शन से भी बचाती है।
हींग में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो हमारे शरीर को खून की कमी से बचाते हैं, हमारे दांतों को मजबूत करते हैं।
इसमें कैंसर से बचाने वाले एंटी कार्सिनोजेनिक तत्व भी मौजूद होते हैं।
हींग में बीटा कैरोटीन होता है जो आंखों की सुरक्षा करने के साथ-साथ हमारी आंखों को स्वस्थ और हाईड्रेटिड रखता है।