वैश्विक आर्थिक सवतंत्रा सूचकांक २०२० में भारत २६ स्थान निचे खिसक कर १०५ वे स्थान पर आ गया है। पिछले साल भारत देश ७९ वे स्थान पर था। इस सूचि में हांगकांग और सिंगापूर प्रथम व दूसरे स्थान पर और चीन १२४ वे स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में भारत सरकार के आकार , प्रणाली और सम्पति के अधिकार ,व्यवसाय के विनिमय जैसी कई कसौटियों पर भारत की स्थिति ख़राब हुई है।

दस अंक के पैमाने पर सरकार के आकार के मामले में भारत पिछले शाल के ८.२२ के मुकाबले ७.१६ अंक ,क़ानूनी प्रणाली के मामले में ५.१७ की जगह ५.०६ , और इंटरनेशनल व्यापार की स्वतंत्रता के मामले में ६.०८ की जगह ५.७१ और वित् ,श्रम और व्यवसाय के मामले में ६.६३ की जगह ६.५३ अंक मिले है।

रिपोर्ट में कहा गया है की भारत में अधिक स्वतंत्रा बढ़ने की संभावनाएं आने वाली पीढ़ी के सुधरो और अंतराष्ट्रीय व्यापार पर निर्भर करेगी।

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इस सूचि में प्रथम १० देशो में न्यूज़ीलैंड, स्विट्जरलैंड ,अमेरिका ,ऑस्ट्रेलिया ,मारीशस ,कनाडा और आयरलैंड शामिल है। जापान को २० वि सूचि में ,जर्मनी को २१ वि , इटली को ५१ वा ,फ्रांस को ५८ वा और ब्राज़ील को १०५ वा स्थान मिला है।

ये रिपोर्ट १६२ देशो और अधिकार क्षेत्रों में आर्थिक स्वतंत्रता को आंका गया है। इस में व्यक्तिगत पसनद का स्तर ,बाजार में प्रवेश की योग्यता को देखा जाता है। इसके लिए विभिन्न देशो की नीतिया और संस्थानों का विश्लेषण किया जाता है।
सबसे निचे स्थान में अफ़्रीकी देश,कांगो,जिम्बाब्वे,ईरान,सूडान,वेनेजुएला शामिल है।

 

 

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