कृष्ण कुमार/ नागौर.आपने कई प्रकार के ग्रंथ व किताबे देखी होगी औरउनका अध्ययन भी किया होगा. लेकिन क्या आपने डेढ इंच का हस्तलिखित ग्रंथ देखा है. शायद एक बारआपइस ग्रंथ के बारे में बताने पर आप विश्वास नहीं करेंगे लेकिन नागौर में एक शख्स के पास डेढ़ इंच का ग्रंथ देखने को मिलता है.आज हम आपकों डेढ़ इंच के हस्तलिखित ग्रंथ के साथ ऐसी कई दुर्लभ हस्तलिखित या प्रीटिंग ग्रंथों के बारे में बताने जा रहे है. खास बात यह भी है किइसके अलावा कुछ ऐसे ग्रंथ है जो पूरे भारत में एक ही प्रतिलिपि है.

जानिए कौनसे ग्रंथ है कितने पुराने
नागौर के जगदीश सोनी के पास 10 हजार किताबों का संग्रह किया हुआ है. लेकिन इनके पास कुछ ऐसे ग्रंथ है जो पूरे नागौर औरराजस्थान में कहीं देखने को नहीं मिलतेहै.

यह कुछ ऐसे ग्रंथ औरकिताबे हैंजो जगदीश प्रसाद सोनी के पाससंग्रहित है. इनके पास 150 के आस पास दुर्लभ कृतियां हैं औरकुछ भजन ग्रंथों का संग्रह भी है. यह संग्रह का काम पिछले 55 वर्षों से कर रहे है. कुछ ऐसे भी ग्रंथ है जो शुद्ध मारवाड़ी भाषा में लिखे गए है. इसके अलावा कुछ ग्रंथ है जो गुजराती भाषा में भी है. इनके इस काम ने इनको ना केवल नागौर में विशेष पहचान दिलाई है, बल्कि राजस्थान सहित देश-विदेश से लोग इनके यहां ग्रंथों की जानकारी लेने आते हैं.

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FIRST PUBLISHED : June 22, 2023, 14:51 IST

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