अब तक आपने एक से एक खूबसूरत शहर देखे होंगे. गगनचुंबी इमारतें, सुविधाओं से लैस मकान और चमचमाती रोशनी. लेकिन इन सबमें एक बात कॉमन होगी, सभी इमारतें कंक्रीट की बनी होंगी. लेकिन अब एक अनूठा प्रयोग होने जा रहा है. अब पूरा का पूरा शहर लकड़ी से बसाया जाएगा. इमारतें भी लकड़ी की होंगी और वहां मौजूद हर चीज लकड़ी से ही तैयार की जाएगी. चौंकिए मत, स्वीडन ने अपने यहां दुनिया की पहली वुडन सिटी बनाने का ऐलान किया है. यह विश्व का सबसे बड़ा लकड़ी का शहर होगा.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में दुनिया की पहली वुडन सिटी का निर्माण किया जाएगा. इसके पीछे डेनिश स्टूडियो हेनिंग लार्सन और स्वीडिश फर्म व्हाइट आर्किटेक्टर का दिमाग बताया जा रहा है. 2025 से इसका निर्माण कार्य शुरू होगा और 2027 तक इसे तैयार कर लिया जाएगा. हाल के वर्षों में नॉर्वे, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में लकड़ी की गगनचुंबी इमारतें बनाई गई हैं. सिंगापुर में पिछले साल मई में एक 468,000 वर्ग फुट के एक विशाल कॉलेज परिसर का उद्घाटन किया गया था. यह पूरा कॉलेज ही लकड़ी से बनाया गया है. इसे लकड़ी से बना एशिया का सबसे बडा कॉलेज बताया जाता है.
स्टॉकहोम में बन रहे इस शहर में 7,000 दफ्तर होंगे (Photo_Atrium Ljungberg)
250,000 वर्ग किलोमीटर में फैला होगा
रियल एस्टेट डेवलपर एट्रियम लजंगबर्ग ने बताया कि स्टॉकहोम के दक्षिण पूर्व में बनने जा रहा ये शहर 250,000 वर्ग किलोमीटर में फैला होगा. इसमें 7,000 ऑफिस दफ्तर होंगे. 2000 घर बनाए जाएंगे, जहां लोग रह सकेंगे. इसके अलावा रेस्टोरेंट, दुकानें और पार्क भी बनाए जाएंगे, जो आपको पूरी तरह सिटी लाइफ का मजा देंगे. बिल्डर के मुताबिक, इस जगह पर पहले से से 400 से अधिक कंपनियां काम कर रही हैं. आप इसे पांच मिनट का शहर भी मान सकते हैं. यानी पांच मिनट के अंदर आप पूरे शहर में घूम लेंगे. कार्यस्थल, घर और अन्य सुविधाएं सभी एक दूसरे से पांच मिनट की पैदल दूरी पर होंगी.
लकड़ी कंक्रीट का टिकाऊ विकल्प
एट्रियम लजंगबर्ग के सीईओ एनिका अनास ने कहा, हमने लकड़ी को कंक्रीट और स्टील के एक टिकाऊ विकल्प के रूप में चुना है. यह स्वीडन में इनोवेशन के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा. हालांकि, तमाम एक्सपर्ट ने लकड़ी की इमारतों में आग लगने की चिंता जताई है, लेकिन इंजीनियर्स का कहना है कि लकड़ी पारंपरिक इस्पात की तुलना में अपेक्षाकृत धीमी गति से जलती है, जिसे बुझाना आसान होता है. इसलिए यह ज्यादा सुरक्षित है. टिंबर कार्बन सिंक भी है, जो कार्बन डाइऑक्साइड को सोख लेती है. रिसर्च में भी पाया गया है कि लकड़ी की इमारतों के अंदर हवा की गुणवत्ता बेहतर होती है. इनके बनाने में भी कम कार्बन उत्सर्जन होता है.
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FIRST PUBLISHED : November 24, 2023, 16:50 IST