यहां ट्रेनों से कंबल, चादर, तकिया, टॉवेल तक ले जाते हैं ‘चोर’, 4 महीनों में लगा चुके 56 लाख का चूना

सौरभ तिवारी/बिलासपुर: भारतीय रेलवे इन दिनों छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जोन में हो रही चोरियों से परेशान है. बिलासपुर और दुर्ग डिपो से छूटने वाली लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनों में धड़ल्ले से चोरियां हो रही हैं. इतनी की भारत में सबसे ज्यादा. यहां से जाने वाली ट्रेनों के एसी कोच में यात्रियों को दिए जाने वाले कंबल, चादर, टॉवेल और तकिए सब चोरी हो रहे हैं. चार महीने की बात करें तो लगभग 55 लाख 97 हजार 406 रुपए के सामान चुरा लिए गए.

रेलवे अफसरों के अनुसार, बिलासपुर जोन की छत्तीसगढ़ और नर्मदा एक्सप्रेस के एसी कोच में सबसे ज्यादा चोरी की घटना हो रही है. इनमें छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की पांच रैक है. इसमें सभी में चादर, तकिया, कंबल, नैपकिन की सप्लाई होती है. इसी ट्रेन में सबसे ज्यादा चोरी होती है. इन ट्रेनों से सफर करने वाले यात्री चादर, कंबल, तौलिया, तकिया कवर ही नहीं बल्कि चम्मच, केतली, नल, टॉयलेट में लगी टोटियां यहां तक की फ्लश पाइप तक चोरी कर रहे हैं.

चोरियों का यह है कारण
बताया गया कि ये ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंचने में 36 घंटे से भी ज्यादा का समय लेती हैं. कोच में ठेका लेने वाली कंपनी को हर ट्रेन के हर कोच के हिसाब से अटेंडेंट रखने होते हैं. लेकिन इन दोनों ट्रेनों में कभी 4 तो कभी पांच ही अटेंडेंट रखे जाते हैं. जबकि किसी ट्रेन में 8 तो किसी में 10 एसी कोच होते हैं. इसलिए एक अटेंडेंट के जिम्मे में दो कोच आते हैं. ऐसे में वे ठीक तरीके से कोच की देखभाल नहीं कर पाते. सफर के दौरान आधी रात को यात्री अपने स्टेशनों में उतर जाते हैं. उस समय कोई अटेंडेंट नहीं होता. वहीं बिलासपुर कोचिंग डिपो की ट्रेनों में अटेंडेंट का ठेका कोलकाता की कंपनी और दुर्ग डिपो का ठेका रतलाम की कंपनी को दिया गया है.

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