त्योहारों के मौके पर ट्रेन में टिकट बुक करना काफी मशक्कत भरा होता है. जनरल सीट देखा तो वहां फुल, महिला सीट देखा तो वो भी फुल. लेकिन सोचिए अगर हमें पता हो कि सबसे बाद में कौन सी सीट रिजर्व होती है तो कितना अच्छा होगा. इंसान उसी को ट्राई करेगा ताकि कोई तो सीट मिल जाए. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि ट्रेन में सबसे पहले और सबसे आखिर में कौन सी सीट रिजर्व होती है? इसे जानने के बाद आप अगली बार सचेत रहेंगे.
एक्सपर्ट के मुताबिक, हम सब जानते हैं कि भारतीय रेलवे में टिकट की बुकिंग एक सॉफ्टवयेर के जरिये होती है. इस सॉफ्टवयेर को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि टिकट बुक करते समय वह ध्यान रखे कि ट्रेन में भार समान रूप से हर कोच में वितरित किया जा सके. अब आप समझ गए होंगे कि रेलवे का मकसद है कि ट्रेन के हर कोच में एक बराबर यात्री बिठाए जाएं. इसलिए जब कोई पहली टिकट बुक करता है, तो उसे सीट बीच के कोच में सीट मिलती है. आमतौर पर ये सीट लोअर बर्थ रहती है. अब तो ज्यादातर यह सीट महिलाओं और बुजुर्ग लोगों को दी जा रही है.
पहली बुकिंग कोच के बीच में
इस पूरी कवायद का मतलब सिर्फ यही है कि ऐसा न हो कि कोई कोच पूरा भरा हो और किसी कोच में केवल 10 या 20 यात्री ही हों. सॉफ्टवेयर इस बात का भी ध्यान रखता है कि पहले सीटें कोच के बीच की ही होंं.लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे आखिर में कौन सी सीट बुक होती है? तो बता दें कि सबसे आखिर में कोच के आखिर यानी गेट के पास की सीट बुक की जाती है. इससे आप समझ गए होंगे कि आपको मनचाही सीट कभी-कभी क्यों नहीं मिल पाती.
प्लेन में इस तरह होती बुकिंग
प्लेन में भी टिकट बुकिंग के समय ऐसा ही होता है. उसमें भी भार का ख्याल रखा होता है. लेकिन आजकल तो सीट का ऑप्शन दिया जाता है. आप अपनी सीट खुद चुन सकते हैं. इसलिए जब प्लेन में यात्री जाते हैं तो उन्हें कम भार वाली जगह पर रखा जाता है. इसीलिए आपने देखा होगा कि कई बार इकोनॉमी क्लास वालों को अपग्रेड कर बिजनेस क्लास में भी भेज दिया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : December 2, 2023, 07:21 IST