मासूम से दिखने वाले इस जानवर के डर से बाघ भी बदल देता है रास्ता! गिनीज बुक भी मानता है फियरलेस क्रीचर

सृजित अवस्थी / पीलीभीत. जब कभी भी खूंखार व निडर जानवर का ज़िक्र होता है तो हमारे जहन में हमेशा शेर, टाइगर, भालू जैसे बड़े वन्यजीव आते हैं. लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है. जंगल में एक निडर जानवर ऐसा भी है जो देखने में तो बेहद मासूम नजर आता है. लेकिन इसका गुस्सा ऐसा होता है कि बाघ भी इसे देख ले तो वह रास्ता बदल लेता है. खास बात यह है कि तराई क्षेत्र में स्थित पीलीभीत टाइगर रिजर्व में यह वन्यजीव पाया जाता है.

शेर को जंगल का राजा माना जाता है लेकिन शेर से भी बलशाली होता है बंगाल टाइगर. लेकिन इतना बलशाली वन्यजीव भी एक मासूम से नजर आने वाले और उसके शरीर से कई गुना छोटे जीव से खौफ खाता है. हम किसी और की नहीं बल्कि हनी बेजर की बात कर रहे हैं. हनी बेजर को आम बोलचाल की भाषा में बिज्जू या फिर कब्र बिज्जू बोला जाता है. इस दुर्लभ वन्यजीव का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में बतौर “मोस्ट फियरलेस क्रीचर” दर्ज है.

काफी खूंखार और बुद्धिमान होता है हनी बेजर
माना जाता है कि यह निडर होने के साथ ही साथ काफी खूंखार और बुद्धिमान भी होता है. इसके नुकीले दांत और नाखून इसे और अधिक खूंखार बनाते हैं. बीते कुछ सालों में इसकी संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में इस विलुप्त वन्यजीव की श्रेणी में रख संरक्षित किया जा रहा है. लेकिन जैव विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध पीलीभीत टाइगर रिजर्व में हनी बेजर अक्सर देखे जाते हैं.

हनी बेजर में होती है इंसानों जैसी सोचने समझने की क्षमता
बाघ की दहाड़ सुनकर अच्छे अच्छों के पसीना छूट जाते हैं. लेकिन हनी बेजर का जंगल में इस कदर जलवा होता है कि सबका पसीना छुड़ाने वाला टाइगर भी इससे भिड़ने से कतराता है. दरअसल हनी बेजर निडर होने के साथ ही साथ इंसानों जैसी सोचने समझने की क्षमता रखता है. वहीं इसके नाखून 1.5 इंच तक लंबे होते हैं. इसका बाइट फोर्स इतना अधिक होता है कि अगर यह एक बार किसी चीज को जकड़ ले तो उसे छुड़ाना बेहद मुश्किल होता है. यह एक निशाचर जीव होता है तो ऐसे में यह रात में ही शिकार के लिए निकलता है.

शिकार के लिए गढ़ी गई कहानियां
आपने हनी बेजर का ज़िक्र कब्र बिज्जू के नाम से सुना होगा. इसको लेकर भ्रांति है कि यह कब्र खोद कर मुर्दा निकाल कर खाता है. लेकिन अभी तक इस बात के कोई पुख्ता सबूत सामने नहीं आए हैं. जानकार बताते हैं कि यह सब भ्रांतियां इस लिए फैलाई गई हैं जिससे लोगों को इस जीव से डराकर इसका आसानी से शिकार किया जा सके. शिकार के बाद हनी बेजर का इस्तेमाल इसकी खाल, कॉस्मेटिक्स आदि के लिए किया जाता है. ICUN ने भी हनी बेजर को विलुप्त प्राय मानते हुए इसे रेड लिस्ट में शामिल किया है.

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