पैकेट वाला दूध कैसे होता है तैयार? लोगों को नहीं हो रहा यकीन, इंटरनेट पर वायरल हुआ VIDEO

नई दिल्ली. इंटरनेट पर वायरल वीडियो की व्यापकता अक्सर हमें हमारे आस-पास की दुनिया की प्रामाणिकता पर सवाल उठाने के लिए प्रेरित करती है और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऐसे ही एक वीडियो में दावा किया गया है कि हम जिस पैकेट वाले दूध का इस्तेमाल करते हैं, वह बिल्कुल भी असली दूध नहीं हो सकता है. इस दिलचस्प वीडियो को इंस्टाग्राम पर rajeevdixit222 नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है.

इस संक्षिप्त रील में, हम शुरू में एक खाली कटोरा देखते हैं, जो बाद में एक सादे पानी जैसे दिखने वाले तरल पदार्थ से भर जाता है. इसके बाद जो कुछ होता है, वह वास्तव में आश्चर्यचकित करने वाला है. एक आदमी एक बोतल से भूरे रंग का रसायन कटोरे में डालता है और दोनों पदार्थों को मिलाने के लिए आगे बढ़ता है. इसके बाद वह मिश्रण दूध जैसा दिखने वाले सफेद तरल में बदल जाता है. वीडियो के कैप्शन में साफ लिखा है: “सीधे किसान से (दूध) खरीदें.”

इस वीडियो ने बड़ी तेजी से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. खबर लिखे जाने तक इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर 432,000 से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं, जबकि 1 करोड़ से अधिक बार इसे देखा गया है. वीडियो को देखने के बाद यूजर्स भी जमकर अपने कमेंट्स कर रहे हैं. इस वीडियो को 21 जुलाई को अपलोड किया गया था.

एक यूजर ने कहा, ”सीधी बात है, मेरे पास तीन भैंस और एक गाय है, इसलिए दूध की कभी कमी नहीं होती. यह शहर के लोगों के लिए एक समस्या है.” एक अन्य यूजर ने चिंताओं को खारिज करते हुए कहा, “मुझे परवाह नहीं है, मेरे पास बीस गायें हैं.” कुछ टिप्पणीकारों ने आगे बढ़कर यह दावा किया कि जिस भूरे रसायन की बात की जा रही है वह कुछ और नहीं बल्कि औद्योगिक तेल है.

एक नेटीजन ने यहां तक ​​कहा, “यह दूध नहीं है भाई, यह सीएनसी मशीन का कटिंग ऑयल है.” एक अन्य यूजर ने इस भावना को दोहराते हुए लिखा, “यह कटिंग ऑयल है जिसका इस्तेमाल उद्योग में किया जाता है.”

यह वीडियो इस तरह का ऐसा कोई पहला मामला नहीं है. कुछ साल पहले इसी तरह की एक घटना में यूट्यूब पर ऐसे ही वीडियो वायरल हुए थे. बाद के रिसर्च से पता चला कि सफेद घोल एक आम घरेलू कीटाणुनाशक फिनाइल के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ से काफी मिलता जुलता है. बहस में एक चिंताजनक पहलू को जोड़ते हुए, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा किए गए 2019 के सर्वेक्षण में चौंकाने वाले निष्कर्ष सामने आए.

विश्लेषण किए गए 6,432 दूध के नमूनों में से 12 को मिलावट के कारण मानव इस्तेमाल के लिए असुरक्षित माना गया था. इसके अलावा, चौंकाने वाले 77 नमूनों में एंटीबायोटिक्स तय सीमा से अधिक पाए गए. एंटीबायोटिक्स के अलावा, कई नमूने हाइड्रोजन पेरोक्साइड, एफ्लाटॉक्सिन एम1, यूरिया, न्यूट्रलाइज़र और यहां तक ​​​​कि डिटर्जेंट जैसे रसायनों से दूषित पाए गए.

Tags: Milk

Source link