कृष्ण गोपाल द्विवेदी/बस्ती: आरिफ और सारस की दोस्ती की कहानी तो आप ने देखी और सुनी होगी, लेकिन इन दिनों बस्ती में एक सारस और चाय वाले चाचा की दोस्ती खूब चर्चा में है. सारस दिन भर गांव में चाय वाले के साथ रहता है और उससे प्यार जताता है. उसके एक इशारे पर नाचने भी लगता है और सूरज ढलने के बाद अपने ठिकाने पर लौट जाता है. चाय वाले बुजुर्ग चाचा और सारस पक्षी के इस जुगल बंदी को देख राहगीर भी रुकने को विवश हो जाते हैं.
बस्ती के कुदरहा ब्लॉक के गौरा रोआरी गांव में सारस और चाय वाले चाचा के बीच की दोस्ती का यह नज़ारा जो भी देखता है, उसके कदम ठहर जाते हैं. हर कोई सारस के साथ सेल्फी जरूर लेता है. तीन महीने से यह सिलसिला चल रहा है. सारस सुबह-सुबह गांव में चाय वाले चाचा के पास आ जाता है. उन्हें उठाता है, फिर उन्हीं के साथ खाना खाता है, घूमता है. साथ ही गांव के अन्य लोगों के दरवाजे पर भी जाता है. लोग सारस को खाना खिलाते हैं और पानी भी पिलाते हैं.
चाय वाले पर आ गया सारस का दिल
सारस और चाय वाले चाचा की यह दोस्ती देख कर सभी लोग अचंभित हैं. ऐसा लगता है की वह पक्षी नहीं, बल्कि उनके घर का सदस्य है. बिना डर के सारस पूरे गांव में दिनभर घूमता है. जब उस को भूख लगती है तो वह चाय वाले चाचा के पास पहुंच जाता है और चाय वाले चाचा द्वारा कुछ खाना न होने पर अपने दुकान का समान चिप्स, नमकीन ही खिलाना पड़ता है. यही नहीं जब वह खेत में काम करने के लिए जाते हैं तो सारस वहां भी पहुंच जाता है.
तीन महीने पहले आया था सारस
चाय वाले चाचा और सारस के दोस्त भगवती लोहार ने बताया कि तीन महीने पहले ये सारस यहां आया था. जब मैंने उसको बुलाया तो वह मेरे पास आ गया तो मैंने उसको खाने को दिया, तभी से वो डेली सुबह ही मेरे पास आ जाता है. खाना खाता है और शाम को अपने आशियाने पर चला जाता है.
सारस की कहानी काफी दिलचस्प है
ग्रामीण शिव मंगल सिंह ने बताया कि सारस के पैदा होने की कहानी काफी दिलचस्प है. रोहारी गांव से थोड़ी दूरी पर ईंट भट्टे पर काम करने वाले मजदूरों को खेत में एक साल पहले दो बड़े अंडे मिले थे. उन लोगों ने उसे बतख का अंडा समझ लिया और अंडे को बतख के बीच सेने के लिए रख दिया. जब अंडे से बच्चा निकला तो वह सारस का था. मजदूरों ने उसे पालना शुरू किया, जिनमें से एक बच्चे की मौत हो गई. लेकिन दूसरा धीरे-धीरे बड़ा होने लगा, जब वह उड़ने लगा तो मजदूरों ने उसे आजाद छोड़ दिया. लेकिन सारस की इंसानों से इतनी मोहब्बत हो गई कि वह दिन भर चाय वाले चाचा के पास चला जाता है और फिर अपने घर यानी भट्ठे या एकांत जगह पर रहता है.
सारस को किया जाएगा संरक्षित
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि सूचना मिली है की एक सारस पक्षी गांव में जा कर लोगों से इंट्रेस्ट कर रहा है. लोगों के बीच रह कर खा पी रहा है. मामले की सूचना वन विभाग को दे दिया गया है. जल्द ही सारस को संरक्षित करने का कार्य किया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : July 19, 2023, 20:32 IST